उत्तर प्रदेश: टिकट को लेकर सबसे अधिक मारामारी भाजपा में है। इसलिए टिकट के दावेदार दिल्ली से लेकर लखनऊ तक दौड़ लगाए हुए हैं। पार्टी के पदाधिकारियों से तो मिल ही रहे हैं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख नेताओं से भी मिलकर टिकट की पैरवी कर रहे हैं। मगर इस बार नजरिया थोड़ा बदला हुआ है। क्योंकि कोरोना है, इसलिए बड़े पदाधिकारी मिलने से बच रहे हैं। इसका परिणाम यह हो रहा है कि टिकट के दावेदार बड़े नेताओं तक पहुंच नहीं पा रहे हैं और अपनी पैरवी कर नहीं पा रहे हैं। क्योंकि अलीगढ़ का चुनाव पहले चरण में है इसलिए सबसे अधिक बेसब्री अलीगढ़ के दावेदारों में है। इस समय कोई भी ऐसा पल नहीं है, जिसे वो गंवाना चाहते हों। इसलिए चाहे दोपहर के 12 बजे हो या फिर देररात के 12 बज रहें हों, कहीं से भी किसी बड़े नेता की सूचना आती है वह दौड़ लगाने में चूकते नहीं है। एक से दो दिन में सारी स्थितियां क्लियर हो जाएंगी। इसलिए दावेदार तुरंत दौड़ लगा लगा देते हैं। इस समय 24 घंटे नेता चक्रगिन्नी बने हुए हैं।तमाम ऐसे दावेदार हैं जो एक से डेढ़ साल पहले तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए तो कुछ स्थिति आसान हो सकती है, मगर जो हाल फिलहाल तैयारी में जुटे हैं उनके लिए यह दौर बहुत मुश्किल का है। क्योंकि बड़े नेताओं से उनकी पहचान नहीं है और जिले और क्षेत्र के नेताओं की टिकट में बहुत अहम भूमिका नहीं है। बहरहाल भाजपा पहले चरण में अलीगढ़ होने के चलते 16 और 17 जनवरी तक प्रत्याशियों की सूची जारी करनी शुरू कर देगी।
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Journalist (Bachelor in Journalism and mass communication) from Sharda University